Thursday, 26 May 2016

जैन धर्म

जैन धर्म भारत का प्राचीन धर्म है जोकि हमें मोक्ष के रास्ते के बारे में बताता है और जीवन को हानिहीनता और त्याग के साथ खुशी से जीना है | जैन जीवन का प्रमुख उद्देश्य मोक्ष प्राप्ति है |  जैन को जीन के अनुयायी  के तौर पर परिभाषित किया जाता है | जीन का अर्थ है विजेता | जैन धर्म बौद्ध धर्म से कई सदी पहले शुरू हो गया था परंतु बाद में महावीर के द्वारा इसे पुनर्जीवित किया गया, जोकि 24वें तीर्थंकार थे | जैन सिद्धांतों के अनुसार , जैन धर्म सबसे प्राचीन धर्मों में से एक है जिसकी ना ही शुरुआत है और ना ही अंत  है |

जैन धर्म को वैसा शाही संरक्षण प्राप्त नहीं था जैसा कि बौद्ध धर्म को था | हालांकि भिक्षु सक्रिय थे और जैन धर्म को पूरे भारत में फैलाने के लिए एकजुट हो गए | मगध से जैन मथुरा के पश्चिम क्षेत्र की तरफ चले गए और फिर उज्जैन और आखिर में सौराष्ट्र के पश्चिमी तट पर बस गए |
प्रथम सदी ईश्वी के अंत में इस धर्म को विभाजन का सामना करना पड़ा | रूढ़िवादि जैनियों को दिगंबर (आकाश धारक )के नाम से जाना गया और उदार वालों को श्वेतांबर(श्वेत वस्त्र धारक ) के नाम से जाना गया | इन दोनों संप्रदायों के बीच मामूली सा अंतर है |
केवल्य ज्ञान क्या है ?
केवल्य ज्ञान पूर्ण ज्ञान है , प्रबोध और सर्वज्ञता है | केवलिन वह होता है continue read.....

No comments:

Post a Comment